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ज़िन्दगी लहर थी आप साहिल हुए,
न जाने कैसे हम आपकी दोस्ती के काबिल हुए,
न भूलेंगे हम उस हसीं पल को,
जब आप हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में शामिल हुए.
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास, कभी बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है,
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी..
एक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैं,
एक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैं,
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना,
एक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख देती है.
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तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदे,
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और मुस्कान लिख दे,
न मिले कभी दर्द उनको,
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे.
न जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे.
एक जैसे दोस्त सारे नही होते,
कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ,
कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते.
मिल जाती है कितनो को ख़ुशी,
मिट जाते हैं कितनो के गम,
मैसेज इसलिये भेजते है हम,
ताकि न मिलने से भी अपनी दोस्ती न हो कम.
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है!
नफरत को हम प्यार देते है,
प्यार पे खुशियाँ वार देते है,
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..
ऐ-दोस्त.. हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है!!
चाहत वो नहीं जो जान देती है,
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है,
ऐ दोस्त चाहत तो वो है,
जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं.
दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू,
आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू,
खुदा ने बस इतना सिखाया हे मुझे
कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..
गुलाब खिलते रहे ज़िंदगी की राह् में,
हँसी चमकती रहे आप कि निगाह में.
खुशी कि लहर मिलें हर कदम पर आपको,
देता हे ये दिल दुआ बार–बार आपको.
डरते है आग से कही जल न जाये,
डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये,
लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे,
कहीं आप हमे भूल न जाये.
छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
गुनाह करके सजा से डरते हैं,
ज़हर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमें,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है।
किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है.!
नफरत को हम प्यार देते है,
प्यार पे खुशियाँ वार देते है,
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..
ऐ-दोस्त.. हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है!!
चाहत वो नहीं जो जान देती है,
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है,
ऐ दोस्त चाहत तो वो है,
जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं.
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